(बदनाम खबरची) उत्तर प्रदेश में बेखौफ बदमाश।
 

 

कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे है, अपराधी ?

बदनाम खबरची में आज बात करेंगे उत्तर प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों की, बेखौफ हो रहे बदमाशों की एवं कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते दबंगों की।

 

लगता है उत्तर प्रदेश के दबंगों एवं अपराधियों में कानून व्यवस्था का डर समाप्त हो गया है,आए दिन हो रहे जघन्य अपराधों ने प्रदेश को हिला कर रखा हुआ है,जनपद अलीगढ़ स्थित टप्पल में दो साल की बच्ची के साथ बर्बरता पर पूरे देश में उबाल है, सोशल मीडिया हो या सियासी दल सभी जगह से एक सुर में यही आवाज आ रही है कि गुनाहगारों को कड़ी सजा मिले,ज्ञात रहे ट्विंकल नाम की बच्ची का शव क्षत-विक्षत अवस्था में कूड़े के ढेर में मिला था, जबकि वह दो दिन से लापता थी,रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बच्ची के गायब होने की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया,अलीगढ़ के टप्पल कस्बे में मासूम ट्विंकल हत्याकांड की गूंज से अखबारों की स्याही सुखी भी नहीं थी, कि आगरा कोर्ट में एक वकील साहब के चेम्बर में ही दुःसाहस दिखाते हुए प्रदेश बार एसोसिएशन की नवनियुक्त अध्यक्ष दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दरवेश सिंह की हत्या को दु:खद बताते हुए गहरा शोक व्यक्त किया था,मुख्यमंत्री ने आगरा के जिलाधिकारी एनजी रविकुमार को तत्काल जांच के निर्देश दिए थे,एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को प्रभावी विवेचना सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था, इसके अलावा आये दिन घटित हो रहें अपराधों की बाढ़ लगी हुई है, ताजा मामला बहुत शर्मसार करने वाला है, कल प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला, जब बेखौफ बदमाशों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर परिवार के 5 सदस्यों के ऊपर कार चढ़ा दी,इसमें दो महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर हैं। उधर, गुस्साए ग्रामीणों ने शव को हाइवे पर रखकर प्रदर्शन किया,बाद में पुलिस के समझाने पर ग्रामीण मान गए, पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश तेज कर दी है, बुलंदशहर के देहात कोतवाली क्षेत्र के "नया गांव" में आरोपी दबंग पीड़ित दलित परिवार की बेटी को पिछले कई दिनों से परेशान कर रहे थे,छेड़छाड़ से तंग आकर उसने अपने परिजनों से शिकायत की, इस पर परिजनों ने इसका विरोध किया, गुस्साए दबंगों ने कार से आकर घर के बाहर बैठे परिवार के सभी सदस्यों पर कार चढ़ा दी,फलस्वरूप पीड़िता की मां और ताई की मौके पर ही मौत हो गई,लेख लिखे जाने तक कोई अपराधी नही पकड़ा जा सका है।

प्रदेश की बागडोर सभालते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के चलते गुंडे राज्य की सीमा छोड़कर भागने लगे थे, जो नहीं सुधरे उसमें से न जाने कितने बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया, जो बचे वह जमानत रद्द कराकर जेल की सलाखों के पीछे खुद को महफूज समझने लगे,योगी की सख्ती को लेकर खूब हाय−तौबा मची, कुछ समय के लिये इसका प्रभाव भी देखने को मिला, मगर फिर प्रदेश का अपराध जगत उसी ढर्रे पर लौट आया,सवाल यही है कि मुख्यमंत्री की इतनी सख्ती के बाद भी क्राइम ग्राफ बढ़ता क्यों जा रहा है ? मुख्यमंत्री को एक बार फिर अपराधों की समीक्षा करते हुए अफसरों पर सख्त नकेल कसनी चाहिए एवं अपराध होने पर उनकी जवाबदेही भी सुनिश्चित की जाए ताकि प्रदेश की जनता वास्तव में भयमुक्त हो सके।