(बदनाम खबरची)मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओं को दिलाई तीन तलाक से मुक्ति, खैरमकदम।






 

                                                                        तलाक़े-ए-ग़म

 

                                  मोदी जी ने मुस्लिम महिलाओं को दिलाई तीन तलाक से मुक्ति, खैरमकदम।

 

 

 

आज मुस्लिम महिलाओं के लिए एक ऐतिहासिक दिन है आज का दिन उनके लिए नया सवेरा लेकर आया है, जी हां हम बात कर रहें है, मोदी राज में मुस्लिम महिलाओं की मिली तीन तलाक से मुक्ति की।

लोकसभा के बाद आज 30 जुलाई 2019 को तीन तलाक़ बिल राज्यसभा में 84 के मुकाबले 99 वोटों से पास होने के साथ ही तीन तलाक के ऊपर कानून बनने का रास्ता साफ हो गया, और सदियों से तीन तलाक की शिकार मुस्लिम महिलाएं नाग रूपी तीन तलाक से निजात पा गई

तलाक-तलाक-तलाक कह कर 30 सेकेंड में शादी जैसे पवित्र (पाक)रिश्ते को समाप्त करने वालों के लिए यह कानून कहर बनकर आया है, अब हवस के पुजारियों को तीन तलाक बोलने से पहले जेल का सपना देखना होगा,तीन तलाक पर कानून कुछ को "पच" कुछ को "अपच" लग रहा है, मुस्लिम समाज भी बटा हुआ है कुछ मज़हब ए इस्लाम के खिलाफ बता रहें है कुछ अच्छा बताते हुए स्वागत कर रहे है कुछ का कथन है कि फ़ैसले के बाद हमारी बेटियां हिफाज़त में रहेंगी, कुछ खुशियां मना रहे हैं तो कुछ मातम में डूबे हैं।मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी अपनी बैठक में तीन तलाक से परहेज करने की सलाह दे डाली,शाही इमाम बुखारी साहब ने भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर दोहरे रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कह दिया कि बोर्ड ने मुसलमानों व शरीयत को मज़ाक बना कर रख दिया है अदालत के फैसले से पहले ही ये बात बोर्ड को कहनी चाहिए थी,एक विशेष वर्ग बहुत प्रसन्न नजर आ रहा है और वह है आजाद ख्यालात की मुस्लिम खवातीन (महिलाएं) तथाकथित बुद्धिजीवी अपने अपने तरीके से समीक्षा कर रहे हैं अपने देश में समीक्षा/भाषण और राय देने का अधिकार (अंग्रेज हुकूमत के बाद) हमेशा सुरक्षित रहा है। एक व्हाट्सएप ग्रुप पर जबरदस्त बहस छिड़ी है(मानो जंग की तैयारी हो)तलाक की पाबंदी के समर्थको और विरोधियो की।   ज्यादातर खवातीन बहुत खुश हैं कुछ ऐसी भी हैं जो शौहर अथवा मौलाना साहब के दबाव में सरकार के फ़ैसले को मजहबी आड़ में इस्लाम के खिलाफ बता रही हैं "मानो कह रही हो मैं तो अपने शौहर से तलाक लेने की तैयारी कर ही रही थी यह क्या कर दिया मोदी जी ने, अजी मोहतरमा सरकार ने एक साथ तीन तलाक देने पर रोक लगाई है,तीन महीने वाले पर नहीं,थोड़ा सा इंतजार कर लो। 

     सबको अपनी-अपनी परेशानी दिख रही हैं हलाला/तलाक का कारोबार करने वाले तथाकथित धर्मगुरु दुखी है अब कैसे करायेगे हलाला अच्छी खासी दुकानदारी चल रही थी सत्यानाश कर दिया सरकार के कानून ने। सोशल मीडिया पर तो धमाल मचा है हमारे मित्र मनोज वर्मा जी ने एक व्यंग में लिखा "राज्यसभा में बिल पास होते ही कभी नही बोलने करने वाली राजू मियां की बीवी के बदले तेवर, पास बैठे पति को कहा उठ हरामजादे एक गिलास पानी ले आ"

        कानून-ए-तलाक पर वह लोग बहुत ज्यादा परेशान दिख रहे हैं जो बीवी को अपने पैर की जूती समझते थे "साली होश में आजा वरना एक मिनट में घर से बाहर होगी' तकिया कलाम इतिहास के पन्नों मैं सिमटने जा रहा है, बाकी मैं तो पहले भी बीवी से डरता था,आज भी डरता हुँ,बल्कि अब तो खौफ खाने लगा हुँ।

          अन्त में सरकार से अपील.... कुछ उनके बारे में भी सोचे जो बेचारे थोड़ी सी पीकर/मामूली गुस्सा कर वासी(पुरानी) बीवी से पीछा छुड़ाने के लिए तीन तलाक का सहारा लेते है और तैयारियां शुरू होती है इक नई-नवेली दुल्हनियां की,मोदी जी उनके ख्वाबो पर पानी फेर दिया बेचारे...

 

 

                                                   मत छिनो मुझे से मेरा वजूद कट्टर रिवाज़ो से।

 

                                                  अपनी पहचान अब मुझे भी अपनी बनानी है।

 

 


 



 



 















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