(बदनाम खबरची) गाज़ियाबाद का आरटीओ विभाग।
गाज़ियाबाद का आरटीओ विभाग।

 

दलालों का दलदल ही दलदल।

 

 

 

बदनाम खबरची में प्रस्तुत है किस्सा-ए-दलाली,हम बात कर रहे है जनपद आरटीओ में फैले दलालों के जाल की, इस विभाग में दलालों और बाबू का मजबूत गठबंधन जिले के सारे अधिकारियों को मुंह चिढ़ाता रहता है, अधिकारी लाख दावे करते रहे, परन्तु आज तक इस विभाग से दलालों का कब्ज़ा कोई भी अधिकारी टस से मस नही कर पाया।

        गाजियाबाद आरटीओ में दलालों व बाबुओं का एक ऐसा जाल है जिससे बचना आम आदमी के लिए आसान काम नहीं है। अधिकारीगण समय समय पर दलालों के जाल को समाप्त करने का दावा अवश्य करते रहते हैं परंतु यह मात्र अखबार बाजी तक सिमट कर रह जाती है आरटीओ में हर काम की दरे दलालों द्वारा फिक्स की हुई है जिसमें बाबू का हिस्सा भी शामिल रहता है।

     बाबू और दलालों की मिलीभगत का एक नमूना प्रस्तुत है जो पिछले दिनों मूर्त रुप से देखने को मिला मेरे एक मित्र का बेटा अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहता था उसने आरटीओ कार्यालय जाकर आवेदन की सभी प्रक्रियाओं का पालन किया, लेकिन जब ड्राइविंग टेस्ट लिया तब वह फेल हो गया,जबकि वह ड्राइविंग में परफेक्ट था,दो बार फेल होने पर मजबूरन उसे एक दलाल की मदद लेनी पड़ी  रुपये तीन हजार में सौदा तय हुआ दलाल ने कुछ फर्मो पर हस्ताक्षर कराए और एक हफ्ते बाद लाइसेंस हाथ में था,जब मैंने विस्तार से मित्र के बेटे से बात की तो पता चला कि टेस्ट लेने वाले अधिकारी जानबूझकर ऐसे ऐसे प्रश्न करते है, जिसका आम ड्राइविंग में कोई रोल नही है। यह बाबू व दलालों के षड्यंत्र का एक उदाहरण मात्र हैं। 

जिला प्रशासन व आरटीओ के अधिकारी आए दिन अखबारों में बयान छपवाकर दलालों को हटाने की बात करते रहते है,परन्तु सच्चाई आरटीओ कार्यालय के बाहर पहुंचते ही पता चल जाती है,खोखो में,कुर्सी मेजो पर व कारों में दलालों के चलते फिरते कार्यालय नजर आते हैं,लगभग आठ सौ से भी अधिक दलाल यहां पर सक्रिय है, दलालों की कमाई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरटीओ कार्यालय में दलाली का काम करने वाले कई दलाल दलाली की कमाई के बल पर ट्रांसपोर्ट, ट्रक व लक्ज़री बसों के मालिक बन बैठे हैं।

     दलालों व बाबुओं की गठबंधन का कारण यहां के बाबुओं की बेशुमार कमाई का होना भी है वह अपनी दो नंबर की कमाई के बलबूते पर दो-दो दशक से अपनी सीटों पर जमे हैं प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह आरटीओ कार्यालय के बाहर का दलाली जमघट हटाने के आदेश करें और वर्षों से जमे मठाधीश बाबुओं का तबादला दूरदराज के जनपदों में करें साथ ही बाबुओं के लिए तबादला नीति बनाकर सख्ती से लागू कराएं,आरटीओ कार्यालय के अंदर वह बाहर सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाये ताकि आम जनता को दलालों के चंगुल से बचाया जा सके,साथ ही यदि गाज़ियाबाद आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों की संम्पत्ति की जांच भी करा ली जाये तो कई यादव सिंह मिल जायेंगे।