(व्यंग्य) जय कोरोना मैय्या, दूर जाकर पार लगाओ दुनिया की नैय्या....?








































जय कोरोना मैय्या, दूर जाकर पार लगाओ दुनिया की नैय्या....?

 

 

जय कोरोना मैय्या, तुम ही पार लगाओ दुनिया की नैय्या। प्रसिद्ध कथाकार विजयदान देथा की एक पुस्तक सपनप्रिया की कहानी "मरीचिका" का एक करैक्टर है 'कलयुगी अवतार" आज कोरोना कलयुगी अवतार के रूप में पृथ्वी पर आया है, यह एक ऐसा अवतार अवतरित हुआ है, जो सर्वधर्म अवतार साबित हुआ है....। 

हे कलयुग अवतार तूने अवतरित होते ही दुनिया के सारे पापियों को अपने तपोबल से रोक दिया है, "कलयुगी अवतार कोरोना" तेरे आते ही समाचार पत्रों/न्यूज़ चैनलों की सुर्खियों में रहने वाले समाचार हत्या, लूट,चोरी,डकैती चार सौ बीसी,बेईमानी, दहेज उत्पीड़न,अवैध कब्जा,साइबर क्राइम,आतंकवाद की खबरें गायब हो गई है है। हे कलयुगी अवतार कोरोना तेरे ही भय का प्रताप है कि दुनिया के सारे बाहुबली कर्मकांडी घरों में रहकर तेरी जय जयकार कर रहे हैं। इतना ही नहीं तेरे क्रोध से थरथर कांप रहें हैं। पूरी दुनिया का भ्रमण करने वाले भयभीत होकर घरों में छुट्टिया बिताने को मजबूर हैं। दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्ष का दम्भ तेरी मेहरबानी से चूर चूर दिख रहा है। दुनिया के सर्वशक्तिमान महामहिम ट्रंप ने भी ईरान को धमकाना बंद कर दिया है,चीन भी भारत के अरूणाचल पर अपना दावा नहीं कर रहा,पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन भी कलयुगी अवतार कोरोना से डर कर खुदा की शरण में छिप गए हैं, कई देशों की परमाणु संपन्नता की इच्छाएं बलबती होती हुई दिखाई नहीं दे रही,दुनिया में धर्मो के बीच होड़ पिछड़ गई हैं सभी धर्माधिकारी तुझ (कोरोना) में सर्व सम्मति से आस्था व्यक्त करते दिखाई दे रहे हैं। दुनिया भर में चौबीस घण्टे गुलजार रहने वाले धर्म स्थल वीरान नज़र आ रहे हैं,लगता है सभी भगवान बेरोजगारी की चपेट में आ गये हैं, और उनके पालनहार बेरोजगार....

हे पार्थ तूने पूरी दुनिया में अभी तक पंद्रह हजार लोगों को क्या लीला लोग तेरे खौफ़ और शक्ति के कायल हो गए। जबकि तेरे से पहले दुनिया में अनेकों भूकंप / प्राकृतिक आपदाएं हजारों लोगों की बलि लेती रही है। लेकिन स्वार्थों से घिरे मानव में इतना खौफ पहले कभी नहीं देखा गया। तेरी क्षमता के हम कायल हैं तेरी ही कृपा है, कि समाज श्वेत -अश्वेत, हिंदू- मुस्लिम,शिया सुन्नी-देवबंदी, बरेलवी दसा-बीसा, ऊंच-नीच,, जात- पात, अगड़ा-पिछड़ा का भूल कर तेरे नाम का जाप कर रहें है...

हे कलयुग अवतार समाज के इतने सुधारों से हम उब चुके हैं आपसे प्रार्थना है कि आप अब अपना बोरिया बिस्तर समेट कर दुनिया से पर्दानशीन हो जाओ,भारत वर्ष जैसे मुल्क जहाँ करोड़ों गरीब गुरबा रोज कुआं खोद कर पानी पीते हैं, आपका तेज सहने की शक्ति नहीं रखता,इसलिए हम आपकी शक्ति के सदैव कायल रहेंगे, आपकी स्मृति में फिल्मों का निर्माण करायेंगे, इतिहास के पन्नों पर आपको अंकित किया जाएगा बस आप इतनी कृपा कर दो की दुनिया पर तरस खाओ और प्रस्थान कर जाओ, हम आपको वचन देते हैं कि आपके पर्दानशीं होने की खुशी में विशेष पूजा,हवन,मस्जिदों में नमाज़ और गिरजाघरो में विशेष प्राथनाएं कराएंगे।

हे कलयुगी "अवतार कोरोना" जाते-जाते एक प्रार्थना है हिंदुस्तान का एक वर्ग ऐसा भी जो तेरे भयंकर तांडव के चलते तेरे को धता बता रहा है वह है ब्लैक मार्किटिंग वालों का वह इस हालत में भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। सेनेटाइजर पर पांच गुना, मास्क दस गुना बढ़ोतरी पर बेचे जा रहे है, इतना ही नहीं आवश्यक खाद्यान्नों पर भी अनाप शनाप मूल्य वसूल किये जा रहे हैं, सब्जियों के रेट दुगने-तिगने वसूल किये जा रहे है ऐसे महानुभावों को जरूर सबक सिखाने का शुभ कार्य कर जाना....

 

सुनते थे गुनाहों की इंतिहा ज़मीं पर हद से 

जब बढ़ जाएगी।

क़यामत बरपा होगी बरसेगी आग,क़ुदरत का क़हर नाज़िल होगा।

(व्यंग्य)

 

 


 



 



 















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