लॉकडाउन 3 मई तक दिहाड़ी मजदूर व व्यापारियों को भी राहत दे सरकार। पुलिस और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सलाम। पूरी दुनिया में कोरोना के कहर के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में महत्वपूर्ण निर्णय कर लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ा दी है लॉकडाउन बढ़ाने का जहां एक ओर आम जन ने स्वागत किया है। वहीं दूसरी ओर रोज कुआं खोद कर पानी पीने वाले दिहाड़ी मजदूर की चिंताएं बढ़ गई है। देश का अधिकतर वर्ग दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम करता है। यह मजदूर सुबह काम पर जाता है एवं शाम को वापस आकर मिली मजदूरी से घर की आवश्कताए पूरी कर अपने परिवार का पेट भरता है। आम दिनों में भी यदि इस दिहाड़ी मजदूर को मजदूरी न मिले तो भूखों सोने के लिए मजबूर हो जाता है। यह वह मजदूर है जो सबसे ज्यादा अपने गांव -घर से दूर है। व लॉकडाउन में फंसा हुआ है। सरकारी आंकड़ों में इसका कही आधिकारिक रिकॉर्ड भी नहीं है। और इसीलिए इस वर्ग को कोई सरकारी सहायता भी नहीं मिल पा रही हैं। सरकार को इस वर्ग के लिए लॉकडाउन में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। अब बात करते है। व्यापारी वर्ग की,सोशल मीडिया पर व्यापारी वर्ग का एक खुला पत्र वायरल हो रहा है। पत्र में इस वर्ग ने सरकार से कहा है, कि सरकार ने तीन मई तक पूर्ण लॉकडाउन देश में घोषित किया है। और आगे लॉकडाउन बढ़ने की संभावना है। व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान अपनी फैक्ट्री बंद रखने के लिए भी कहा गया है। सरकार ने व्यापारियों से यह भी कहा कि अपने कर्मचारियों को व्यापार बंद होने पर भी पूरी तनख्वाह दे। व्यापारी सरकार से जानना चाहतें है कि क्या व्यापारियों को क्या समझा हुआ है ? सोने का अण्डा देने वाली मुर्गी...सरकार ने व्यापारी भाईयों के लिए कौन से सहयोग की प्लानिंग की हुई है , बलिदान तो आपने मांग लिया। चूंकि बंदी तो लागू है, सारे व्यापार पूर्णतया बंद है , कृपया बताए व्यापारी कैसे जिंदा रहेगा। तनख्वाह जारी,बिजली बिल जारी,बैंक ब्याज जारी,किराया जारी,हाउस टैक्स जारी,वाटर टैक्स जारी,अन्य सभी कर जारी।व्यापारियों के लिए कहीं भी राहत नहीं है। अगर उपरोक्त सभी मदों में राहत मिल जाए तो हम व्यापारी 3 मई तक देश हित में अपने व्यापार बंद रखने में पीछे नहीं है। और सरकार के सभी आदेशों का पालन भी करेंगे। व्यापारियों खास तौर से छोटे व्यापारियों के लिए सरकार विशेष राहत पैकेज जारी करने पर भी गम्भीरता पूर्वक सोचें ? अब बात कोरोना के दौर में जब जान के डर से इंसान-अपनो से भी दूरी बना रहा है। सभी धर्मों के शिवाले बन्द हो चुके हैं, कुछ धर्मगुरु तो पर्दानशीं हो गये है,चमत्कारी बाबा भी कोरोना पर कोई करिश्मा नहीं दिखा रहे। ऐसे में भगवान का दूसरा रूप कहलाने वाले डॉक्टर, नर्स,स्वास्थ्य कर्मियों अपनी व अपने परिवारों की परवाह न करते हुए कोरोना सक्रमण में लोगों की जान बचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहें हैं। हम भगवान रूपी सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सलाम करते हैं। कोरोना काल में इन सब का योगदान स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। इसी डर के माहौल में जनता पर अन्याय व अन्य कई कारणों के लिए बदनाम पुलिस फ़ोर्स के कामों को बलिदानी बल के रूप में याद किया जाएगा। हम कोरोना काल में कानून व्यवस्था बनाने रखने वाले पुलिस बल एवं पैरा फ़ोर्स का भी आभार व्यक्त करते हुए सलाम करते हैं।इन सब हालातों में मीडिया कर्मियों, प्रशासन के विभिन्न विभागों के योगदान का भी देश ऋणि रहेगा।
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(बदनाम खबरची) लॉकडाउन 3 मई तक दिहाड़ी मजदूर व व्यापारियों को भी राहत दे सरकार।